यशोदा (Yashoda) का पहला हाफ बहुत भावुक है, दूसरे हाफ में कुछ एक्शन और हैरान कर देने वाली सचाई है। कुल मिलाकर, यह सबसे अच्छी औसत फिल्म है। सामंथा (Samantha) ने अपने काम के साथ पूरा इंसाफ किया है, उसने आसानी से दोहरी छायांकित भूमिकाएँ की हैं। इसके इलावा फिल्म में अन्य अदाकारों ने भी अच्छा काम किया है। अब देखने वाली बात होगी कि सामंथा की यह फिल्म कितने समय तक लोगों को सिनेमा घरों में खींच पायेगी।
यशोदा (Yashoda) का पहला हाफ बहुत भावुक है, दूसरे हाफ में कुछ एक्शन और हैरान कर देने वाली सचाई है। कुल मिलाकर, यह सबसे अच्छी औसत फिल्म है। सामंथा (Samantha) ने अपने काम के साथ पूरा इंसाफ किया है, उसने आसानी से दोहरी छायांकित भूमिकाएँ की हैं। इसके इलावा फिल्म में अन्य अदाकारों ने भी अच्छा काम किया है। अब देखने वाली बात होगी कि सामंथा की यह फिल्म कितने समय तक लोगों को सिनेमा घरों में खींच पायेगी।
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